निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए
1. तताँरा-वामीरो कहाँ की कथा है?उत्तर:
तताँरा-वामीरो की कथा निकोबार द्वीप समूह के प्रमुख दूद्वीप ‘कार-निकोबार’ की है।
2.वामीरो अपना गाना क्यों भूल गई?
उत्तर:
वामीरो मंत्रमुग्ध होकर गाना गा रही थी कि एकाएक समुद्र की एक ऊँची लहर ने उसे भिगो दिया था। वह हड़बड़ाकर उठ । बैठी। ऐसी स्थिति में उसने गाना बंद कर दिया था।
3. तताँरा ने वामीरो से क्या याचना की?
उत्तर:
तताँरा ने वामीरो से अगले दिन उसी स्थान पर उससे मिलने की याचना की। इससे पूर्व उसने एक और याचना की कि वह अपना अधूरा गाना पूरा करे।
4. तताँरा और वामीरो के गाँव की क्या रीति थी?
उत्तर:
तताँरा और वामीरो के गाँव की रीति थी कि वहाँ के निवासी केवल अपने गाँववालों के साथ ही विवाह कर सकते थे। गाँव के बाहर के किसी लड़के या लड़की से विवाह करना अनुचित माना जाता था।
5. क्रोध में तताँरा ने क्या किया?
उत्तर:
गाँववालों और वामीरो की माँ द्वारा अपमानित होने के बाद तताँरा के क्रोध का ठिकाना न रहा। क्रोध में ही उसने अपनी तलवार निकालकर उसे पूरी शक्ति से धरती में घोंप दिया और पूरी ताकत से खींचने लगा, जिससे धरती में सीधी दरार आ गई और धरती दो टुकड़ों में बँट गई।
लिखित
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
1. तताँरा की तलवार के बारे में लोगों का क्या मत था?उत्तर:
तताँरा की तलवार के बारे में लोगों का यह मत था कि लकड़ी की होने के बावजूद उस तलवार में अद्भुत दैवीय शक्ति थी। वह अपनी तलवार को अपने से कभी भी अलग न होने देता था और दूसरों के सामने उसका उपयोग नहीं करता था।
2. वामीरो ने तताँरा को बेरुखी से क्या जवाब दिया?
उत्तर:
वामीरो ने तताँरा को बेरुखी से जवाब दिया कि वह उसके कहने पर गाना क्यों गाए? वह पहले उसे बताए कि वह कौन है? वह उससे असंगत प्रश्न क्यों कर रहा है? वह उसे घूर क्यों रहा है? वह अपने गाँव के पुरुष के अलावा किसी अन्य को जवाब देने को विवश नहीं है।
3. तताँरा-वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से निकोबार में क्या परिवर्तन आया?
उत्तर:
तताँरा-वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से निकोबार में यह परिवर्तन आया कि वहाँ लोग अब दूसरे गाँवों से भी वैवाहिक संबंध स्थापित करने लगे। दोनों की त्यागमयी मृत्यु ने लोगों की विचारधारा में एक सुखद तथा अद्भुत परिवर्तन ला दिया तथा उनकी रूढ़िवादी परंपराएँ भी परिवर्तित हो गईं।
4. निकोबार के लोग तताँरा को क्यों पसंद करते थे?
उत्तर:
निकोबार के लोग तताँरा को उसके साहसी और परोपकारी स्वभाव के कारण पसंद करते थे। वह सदैव दूसरों की सहायता करने में विश्वास रखता था और समूचे दूद्वीपवासियों की सेवा करना अपना कर्तव्य समझता था।
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
1. निकोबार द्वीप समूह के विभक्त होने के बारे में निकोबारियों का क्या विश्वास है?उत्तर:
निकोबार द्वीपसमूह के विभक्त होने के बारे में निकोबारियों का यह विश्वास है कि प्राचीन काल में ये दोनों द्वीप एक ही थे। इनके विभक्त होने में तताँरा और वामीरो की प्रेम-कथा की त्यागमयी मृत्यु है, जो एक सुखद परिवर्तन के लिए थी।
2. तताँरा खूब परिश्रम करने के बाद कहाँ गया? वहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर:
तताँरा खूब परिश्रम करने के बाद समुद्र के किनारे टहलने गया था। संध्या का समय था। उस समय क्षितिज पर सूरज डूबने को था। ठंडी हवाएँ चल रही थीं। पक्षियों की चहचहाहट से वातावरण गूंज रहा था। सूरज की अंतिम रंग-बिरंगी किरणें, पानी में घुलकर अद्भुत स्वर्गिक सौंदर्य की रचना कर रही थीं।
3. वामीरो से मिलने के बाद तताँरा के जीवन में क्या परिवर्तन आया?
उत्तर:
वामीरो से मिलने के बाद तताँरा के जीवन में अद्भुत परिवर्तन आया। वह वामीरो से मिलकर सम्मोहित-सा हो गया। उसके शांत जीवन में हलचल मच गई। वह स्वयं को रोमांचित अनुभव कर रहा था। वह वामीरो की प्रतीक्षा में दिन बिताने लगा। प्रतीक्षा का एक-एक पल उसे पहाड़ की तरह भारी प्रतीत होता था। वह हमेशा अनिर्णय की स्थिति में रहता था कि दामीरो उससे मिलने आएगी या नहीं अर्थात् उसके मन में आशंका-सी बनी रहती थी।
4. प्राचीन काल में मनोरंजन और शक्ति-प्रदर्शन के लिए किस प्रकार के आयोजन किए जाते थे?
उत्तर:
प्राचीन काल में मनोरंजन और शक्ति प्रदर्शन के लिए अनेक प्रकार के आयोजन किए जाते थे। पशु-पर्व, कुश्ती, दंगल तथा मेलों का आयोजन किया जाता था। पशु-पर्व में हृष्ट-पुष्ट पशुओं का प्रदर्शन होता था। युवकों की शक्ति-परीक्षा के लिए उन्हें पशुओं से भिड़ाया जाता था। इसमें सभी लोग हिस्सा लेते थे। पासा गाँव में वर्ष में एक ऐसा मेला होता था जिसमें सभी गाँवों के लोग इकट्ठे होते थे। उसमें नृत्य-संगीत और भोजन का भी प्रबंध होता था।
5. रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें तब उनका टूट जाना ही अच्छा है। क्यों? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें, तब वास्तव में उनका टूट जाना ही उचित है तथा इनमें परिवर्तन करना श्रेयस्कर होता है, क्योंकि रूढ़ियाँ व्यक्ति को बंधनों में जकड़ लेती हैं, जिससे व्यक्ति का विकास होना बंद हो जाता है। इनके टूट जाने से व्यक्ति के दिलो-दिमाग पर छाया बोझ हट जाता है। व्यक्ति की उन्नति तथा स्वतंत्रता हेतु इन रूढ़ियों को तोड़ देना चाहिए, नहीं तो ये हमारी उन्नति में बाधक बनकर खड़ी रहेंगी।
(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
1. जब कोई राह न सूझी तो क्रोध का शमन करने के लिए उसने शक्ति भर उसे धरती में घोंप दिया और ताकत से उसे खींचने लगा।उत्तर:
इसका आशय है कि गाँववालों और वामीरो की माँ दुवारा अपमानित होने के बाद तताँरा के क्रोध का ठिकाना न रहा। क्रोध में ही उसने अपनी तलवार निकालकर उसे पूरी शक्ति से धरती में घोंप दिया और पूरी ताकत से खींचने लगा, जिससे धरती में सीधी दरार आ गई और धरती दो टुकड़ों में बँट गई।
2. बस आस की एक किरण थी जो समुद्र की देह पर डूबती किरणों की तरह कभी भी डूब सकती थी।
उत्तर:
तताँरा वामीरो को पहली ही नज़र में बेहद प्रेम करने लगा था। वह उसकी प्रतीक्षा में अपने जीवन की संपूर्ण आस लगाए बैठा था। उसने उसे पुनः साँझ को समुद्री चट्टान पर आने के लिए कहा था। अतः वह छटपटाते हुए अधीरता से उसकी प्रतीक्षा कर रहा था। उसके मन में एक आशंका यह भी थी कि कहीं वामीरो न आए। इस आशंका से उसका मन काँप उठता था, परंतु साथ ही एक आशा की किरण भी थी।
उसे लगता है कि आशा की यह किरण वामीरो के न आने पर समुद्र में डूबते सूर्य की किरणों के समान कहीं डूब न जाए। तताँरा इस उधेड़बुन में बैठा हुआ था और आशा-निराशा के बीच झूलते हुए अपने प्रेम के सफल होने की कामना कर रहा था।
भाषा अध्ययन
1. निम्नलिखित वाक्यों के सामने दिए कोष्ठक में (✓) का चिह्न लगाकर बताएँ कि यह वाक्य किस प्रकार का है-- निकोबारी उसे बेहद प्रेम करते थे। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
- तुमने एकाएक इतना मधुर गाना अधूरा क्यों छोड़ दिया? (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
- वामीरो की माँ क्रोध में उफन उठी। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
- क्या तुम्हें गाँव का नियम नहीं मालूम ? (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
- वाह! कितना सुंदर नाम है। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
- मैं तुम्हारा रास्ता छोड़ दूंगा। (प्रश्नवाचक, विधानवाचक, निषेधात्मक, विस्मयादिबोधक)
- विधानवाचक
- प्रश्नवाचक
- विधानवाचक
- प्रश्नवाचक
- विस्मयादिबोधक
- विधानवाचक
(क) सुध-बुध खोना
(ख) बाट जोहना
(ग) खुशी का ठिकाना न रहना
(घ) आग बबूला होना
(ङ) आवाज़ उठाना
उत्तर:
मुहावरे – वाक्य प्रयोग
(क) सुध-बुध खोना – लता मंगेशकर का मधुर गीत सुनकर कुछ श्रोता अपनी सुध-बुध खो बैठे।
(ख) बाट जोहना – घर लौटने में देर होने पर सुमन मेरी बाट जोहने लगती है।
(ग) खुशी का ठिकाना न रहना – बेटे के आई.ए.एस. बनने पर माँ-बाप की खुशी का ठिकाना न रहा।
(घ) आग बबूला होना – रिक्शेवाले द्वारा किराया माँगते ही पुलिसवाला आग बबूला हो गया।
(ङ) आवाज़ उठाना – आवाज़ उठाए बिना कभी अधिकार नहीं मिलते हैं।
3. नीचे दिए गए शब्दों में से मूल शब्द और प्रत्यय अलग करके लिखिए-
उत्तर:
4. नीचे दिए गए शब्दों में उचित उपसर्ग लगाकर शब्द बनाइए-
……….. + आकर्षक = ……….
………… + ज्ञात = ………
………… + कोमल = …………
………. + होश = ………..
………… + घटना = ………….
उत्तर:
अन + आकर्षक = अनाकर्षक
अ + ज्ञात = अज्ञात
सु + कोमल = सुकोमल
बे + होश = बेहोश
दुर + घटना = दुर्घटना
5. निम्नलिखित वाक्यों को निर्देशानुसार परिवर्तित कीजिए-
- जीवन में पहली बार मैं इस तरह विचलित हुआ हूँ। (मिश्र वाक्य)
- फिर तेज़ कदमों से चलती हुई तताँरा के सामने आकर ठिठक गई। (संयुक्त वाक्य)
- वामीरो कुछ सचेत हुई और घर की तरफ दौड़ी। (सरल वाक्य)
- तताँरा को देखकर यह फूटकर रोने लगी। (संयुक्त वाक्य)
- रीति के अनुसार दोनों को एक ही गाँव का होना आवश्यक था। (मिश्र वाक्य)
- जीवन में ऐसा पहली बार हुआ है कि मैं विचलित हुआ हूँ।
- फिर तेज कदमों से चलती हुई तताँरा के पास आई और ठिठक गई।
- वामीरो कुछ सचेत होकर घर की ओर दौड़ी।
- उसने तताँरा को देखा और फूट-फूटकर रोने लगी।
- रीति के अनुसार यह आवश्यक था कि दोनों एक ही गाँव के हों।
- पास में सुंदर और शक्तिशाली युवक रहा करता था। (दो पदों को जोड़ना)
- वह कुछ और सोचने लगी। (‘अन्य’ के अर्थ में)
- एक आकृति कुछ साफ़ हुई… कुछ और … कुछ और… (क्रमशः धीरे-धीरे के अर्थ में)
- अचानक वामीरो कुछ सचेत हुई और घर की तरफ़ दौड़ गई। (दो उपवाक्यों को जोड़ने के अर्थ में)
- वामीरो का दुख उसे और गहरा कर रहा था। (‘अधिकता’ के अर्थ में)
- उसने थोड़ा और करीब जाकर पहचानने की चेष्टा की। (‘निकटता’ के अर्थ में)
छात्र स्वयं करें।
7. नीचे दिए गए शब्दों के विलोम शब्द लिखिए-
भय, मधुर, सभ्य, मूक, तरल, उपस्थिति, सुखद।
उत्तर:
निर्भय, कटु, असभ्य, वाचाल, ठोस, अनुपस्थित, दुखद।
8. नीचे दिए गए शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए-
समुद्र, आँख, दिन, अँधेरा, मुक्त।
उत्तर:
समुद्र – रत्नाकर, वारिधि, नीरधि, जलधि
आँख – नेत्र, चक्षु, नयन, लोचन, दृग
दिन – दिवस, दिवा, वासर, वार
अँधेरा – तम, तिमिर, अंधकार
मुक्त – उन्मुक्त, आजाद, बंधनहीन
9. नीचे दिए गए शब्दों को वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
किंकर्तव्यविमूढ़, विह्वल, भयाकुल, याचक, आकंठ।
उत्तर:
शब्द – वाक्य प्रयोग
किंकर्तव्यविमूढ़ – महाभारत के मैदान में गुरुजन एवं बंधु-बाँधवों को सामने देखकर अर्जुन किंकर्तव्यविमूढ़ हो गए।
विह्वल – अपने खोए बेटे से मिलकर माँ विह्वल होकर रोने लगी।
भयाकुल – डाकुओं से स्वयं को घिरा देखकर यात्री भयाकुल हो गए।
याचक – याचक करुण स्वर में दो रोटियाँ माँग रहा था।
आकंठ – कुछ नेता और अधिकारी आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे हैं।
10. ‘किसी तरह आँचरहित एक ठंडा और ऊबाऊ दिन गुजरने लगा’ वाक्य में दिन के लिए किन-किन विशेषणों का प्रयोग किया गया है? आप दिन के लिए कोई तीन विशेषण और सुझाइए।
उत्तर:
उमस भरा लंबा थकाऊ दिन।
सुंदर-सुहावना धूपदार दिन।
11. इस पाठ में देखना’ क्रिया के कई रूप आए हैं-‘देखना’ के इन विभिन्न शब्द-प्रयोगों में क्या अंतर है?
इसी प्रकार ‘बोलना’ क्रिया के विभिन्न शब्द-प्रयोग बताइए।
उत्तर:
12. नीचे दिए गए वाक्यांशों को पढ़िए-
(क) श्याम का बड़ा भाई रमेश कल आया था। (संज्ञा पदबंध)
(ख) सुनीता परिश्रमी और होशियार लड़की है। (विशेषण पदबंध)
(ग) अरुणिमा धीरे-धीरे चलते हुए वहाँ जा पहुँची। (क्रिया विशेषण पदबंध)
(घ) आयुष सुरभि का चुटकुला सुनकर हँसता रहा। (क्रिया पदबंध)
ऊपर दिए गए
वाक्य (क) में रेखांकित अंश में कई पद हैं जो एक पद संज्ञा का काम कर रहे हैं।
वाक्य (ख) में तीन पद मिलकर विशेषण पद का काम कर रहे हैं।
वाक्य (ग) और (घ) में कई पद मिलकर क्रमशः क्रिया विशेषण और क्रिया का काम कर रहे हैं।
ध्वनियों के सार्थक समूह को शब्द कहते हैं और वाक्य में प्रयुक्त शब्द ‘पद’ कहलाता है; जैसे‘पेड़ों पर पक्षी चहचहा रहे थे।’ वाक्य में ‘पेड़ों’ शब्द पद है क्योंकि इसमें अनेक व्याकरणिक बिंदु जुड़ जाते हैं। कई पदों के योग से बने वाक्यांश को जो एक ही पद का काम करता है, पदबंध कहते हैं। पदबंध वाक्य का एक अंश होता है।
पदबंध मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं-
- संज्ञा पदबंध
- क्रिया पदबंध
- विशेषण पदबंध
- क्रियाविशेषण पदबंध
- उसकी कल्पना में वह एक अद्भुत साहसी युवक था।
- तताँरा को मानो कुछ होश आया।
- वह भागा-भागा वहाँ पहुँच जाता।
- तताँरा की तलवार एक विलक्षण रहस्य थी।
- उसकी व्याकुल आँखें वामीरो को ढूंढने में व्यस्त थीं।
- विशेषण पदबंध
- क्रिया पदबंध
- क्रियाविशेषण पदबंध
- विशेषण पदबंध
- विशेषण पदबंध
योग्यता विस्तार
1. पुस्तकालय में उपलब्ध विभिन्न प्रदेशों की लोककथाओं का अध्ययन कीजिए।उत्तर:
छात्र स्वयं करें।
2. भारत के नक्शे में अंडमान निकोबार द्वीप समूह की पहचान कीजिए और उसकी भौगोलिक स्थिति के विषय में जानकारी प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
छात्र भूगोल अध्यापक से जानकारी प्राप्त करें।
3. अंदमान निकोबार द्वीप समूह की प्रमुख जनजातियों की विशेषताओं का अध्ययन पुस्तकालय की सहायता से कीजिए।
उत्तर:
छात्र पुस्तकालय से पुस्तकें स्वयं प्राप्त करें।
4. दिसंबर 2004 में आए सुनामी का इस द्वीप समूह पर क्या प्रभाव पड़ा? जानकारी एकत्रित कीजिए।
उत्तर:
छात्र अपने अध्यापक की मदद से जानकारी एकत्र करें।
परियोजना कार्य
1. अपने घर-परिवार के बुजुर्ग सदस्यों से कुछ लोककथाओं को सुनिए। उन कथाओं को अपने शब्दों में कक्षा में सुनाइए।उत्तर:
छात्र स्वयं करें।
EXTRA QUESTIONS
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. द्वीप समूह के बारे में निकोबारियों का विश्वास स्पष्ट कीजिए।उत्तर:
द्वीप समूह के बारे में निकोबारियों को यह विश्वास है कि प्राचीन काल में अंदमान द्वीप समूह का अंतिम दक्षिणी द्वीप-लिटिल अंदमान और कार निकोबार अविभाजित हुआ करते थे। यद्यपि आज उनके बीच 96 किलोमीटर दूरी है पर तब पूरा द्वीप समूह एक था।
2. तताँरा कौन था? ग्रामवासियों के साथ उसके संबंध कैसे थे?
उत्तर:
तताँरा अविभाजित अंदमान निकोबार द्वीप समूह के पासा गाँव का नवयुवक था, जो अपने साहसिक कारनामों और विलक्षण तलवार के लिए प्रसिद्ध था। वह अपने उदार एवं मददगार स्वभाव के लिए भी प्रसिद्ध था।
3. तताँरा को पर्व-त्योहारों में विशेष रूप से क्यों बुलाया जाता था?
उत्तर:
तताँरा बेहद नेक और मददगार युवक था, जिसे निकोबारी बेहद प्रेम करते थे। वह सदैव दूसरों की मदद के लिए तैयार रहता था। द्वीपवासियों की सेवा करना वह अपना कर्तव्य समझता था। अपने त्यागमयी स्वभाव के कारण वह सभी के आदर का पात्र था। इसी कारण उसे पर्व-त्योहारों में विशेष रूप से बुलाया जाता था।
4. तताँरा की तलवार लोगों की चर्चा का विषय क्यों थी?
उत्तर:
तताँरा अपनी पारंपरिक पोशाक के साथ कमर पर एक तलवार बाँधे रहता था। लकड़ी की इस तलवार के बारे में लोग चर्चा करते थे कि उसमें अद्भुत दैवीय शक्ति थी। वह अपनी तलवार का प्रयोग दूसरों के सामने नहीं करता था तथा सदैव अपने साथ रखता था। तताँरा के साहसिक कारनामों को भी लोग उसी तलवार की अद्भुत शक्ति मानते थे।
5. समुद्र के किनारे गया तताँरा अपनी सुध-बुध क्यों खोने लगा?
उत्तर:
समुद्र के किनारे शाम का वातावरण अत्यंत मनोहारी था। समुद्र की ओर से शीतल हवा के झोंके आ रहे थे। वातावरण शांत था। ऐसे में तताँरा ने कहीं पास से आता मधुर गीत सुना। अपने पास आते इस गीत को सुनकर तताँरा अपनी सुध-बुध खोने लगा।
6. सुध-बुध खोए तताँरा की तंद्रा कैसे टूटी? तंद्रा टूटने पर उसने क्या किया?
उत्तर:
मधुर गीत सुनकर सुध-बुध खोए तताँरा की तंद्रा तब टूटी जब लहरों के प्रबल वेग ने उसकी तंद्रा भंग की। तंद्रा टूटने और सचेत होने पर तताँरा उधर जाने को विवश हो गया जिधर से अब भी मधुर गीत की आवाज आ रही थी।
7. वामीरो क्यों न जान सकी कि कोई अजनबी उसे निहारे जा रहा है?
उत्तर:
वामीरो समुद्र के किनारे बैठी ढलती हुई शाम के सौंदर्य में बेसुध-सी सूर्य के आकर्षक रंग को निहार रही थी जो समुद्र के शरीर पर पड़ रहा था। वह मधुर स्वर में गीत गाए जा रही थी। वह गाने में इतनी खोई थी कि उसे अजनबी द्वारा निहारे जाने का ध्यान न आया।
8. वामीरो ने मधुर गाना अधूरा क्यों छोड़ दिया?
उत्तर:
वामीरो ने मधुर स्वर में गीत अधूरा इसलिए छोड़ दिया क्योंकि जब वह गीत गाने में तल्लीन थी तभी समुद्र से एक ऊँची लहर उठी और उसे भीगो गई। इसी हड़बड़ाहट में गीत गाना भूल गई।
9. तताँरा वामीरो के प्रश्न का जवाब देने के बजाए उससे एक ही आग्रह क्यों किए जा रहा था?
उत्तर:
तताँरा वामीरो के रूप सौंदर्य और मधुर गान में अपनी सुध-बुध खो बैठा था। वह सम्मोहित-सा वामीरो को देखता जा रहा था। सम्मोहन के कारण वामीरो की आवाज या कोई प्रश्न उसे ठीक से सुनाई ही नहीं दे रहा था, इसलिए वह बार-बार तुमने गाना क्यों रोक दिया? गाओ, गीत पूरा करो का आग्रह किए जा रहा था।
10. सम्मोहन टूटने और होश आने के बाद तताँरा ने क्या किया?
उत्तर:
सम्मोहन टूटने और होश आने के बाद तताँरा को अपनी गलती का अहसास हुआ। वह वामीरो के सामने रास्ता रोककर निवेदन भरे स्वर में कहने लगा, “मुझे माफ़ कर दो। जीवन में पहली बार मैं इस तरह विचलित हुआ हूँ। मैं तुम्हारा रास्ता छोड़ दूंगा। बस अपना नाम बता दो।”
11. तताँरा द्वारा पूछने पर भी वामीरो उसे कोई जवाब क्यों नहीं दे रही थी?
उत्तर:
तताँरा द्वारा पूछने पर भी वामीरो उसे कोई जवाब इसलिए नहीं दे रही थी क्योंकि उसे अपने गाँव की परंपरा का पूरा ध्यान है। वह जानती है कि उसके गाँव के लोग अन्य गाँव में वैवाहिक संबंध स्थापित नहीं करते हैं। वह केवल अपने गाँव के नवयुवकों के प्रश्नों का जवाब दे सकती है जबकि तताँरा उसके गाँव का नहीं था।
12. वामीरो का मन भी तताँरा की ओर आकर्षित हो गया था। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
पहली ही नज़र में तताँरा को देखते ही वामीरो विस्मित हो गई। उसके मन में कोमल भावना का संचार हो गया। घर पहुँचने पर उसे भीतर ही भीतर बेचैनी-सी महसूस होने लगी। इस बेचैनी से मुक्त होने का उसका प्रयास दिखावा मात्र था। वह झल्लाहट में दरवाजा बंद कर मन को किसी और दिशा में ले जाने का प्रयास करने लगी।
13. वामीरो तताँरा को क्यों भूलना चाहती थी ? पर वह चाहकर भी ऐसा क्यों नहीं कर पा रही थी?
उत्तर:
वामीरो को अपने गाँव की रीति का भलीभाँति ज्ञान था कि जिसके अनुसार वह अपने गाँव के अलावा किसी अन्य गाँव के युवक से वैवाहिक संबंध स्थापित नहीं कर सकती हैं, इसलिए वह तताँरा को भूलना चाहती थी। वह चाहकर भी ऐसा इसलिए नहीं कर सकती थी क्योंकि तताँरा का याचना भरा चेहरा उसकी आँखों के सामने घूम जाता था।
14. वामीरो से मिलने के बाद तताँरा का अगला दिन कैसे बीता?
उत्तर:
वामीरो से मिलने के बाद तताँरा ने उससे अगले दिन भी आने की याचना की थी। वह वामीरो से बिछड़कर व्यथित था। वामीरो से मिलने की प्रतीक्षा में उसका समय काटना पहाड़ के समान भारी हो रहा था। ऐसे में उसे दिन उत्साहहीन, ठंडा, नीरस और ऊबाऊ प्रतीत हो रहा था।
15. वामीरो और तताँरा अगले दिन तो मिले पर वे एक शब्द भी क्यों नहीं बोल पाए?
उत्तर:
वामीरो और तताँरा यद्यपि एक ही बार मिले थे परंतु वे दोनों एक-दूसरे को गहराई से चाहने लगे थे। अपने प्रेम की अभिव्यक्ति के लिए उनके पास कोई शब्द न था। वे अपने मनोभावों को व्यक्त करने में सर्वथा असमर्थ थे, इसलिए वे मिलकर भी अपने प्रेम की मौन अभिव्यक्ति ही कर सके।
16. तताँरा ने अपने क्रोध के शमन के लिए क्या किया?
उत्तर:
वामीरो की माँ और गाँववालों द्वारा अपमानित होने के बाद क्रोधित हो उठा। उसे समझ में नहीं आया कि वह क्या करे। उसने अपनी तलवार निकालकर धरती में पूरी शक्ति से घोंप दी और पूरी शक्ति से धरती को काटने लगा। इससे वह पसीने से लथपथ होकर निढाल हो गया और गिर पड़ा।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. ‘तताँरा-वामीरो कथा’ पाठ के आधार पर तताँरा का चरित्र-चित्रण कीजिए।उत्तर:
‘तताँरा-वामीरो कथा’ का नायक तताँरा है जो पासा गाँव का रहने वाला है। उसके चरित्र की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
(क) आकर्षक व्यक्तित्व – तताँरा आकर्षक व्यक्तित्व का स्वामी है। वह शारीरिक रूप से बलिष्ठ, सुंदर और आकर्षक है। उसे देखते ही वामीरो प्रथम मुलाकात में उसकी ओर आकर्षित हो जाती है।
(ख) मानवीय गुणों से युक्त – तताँरा मानवीय गुणों से युक्त है। वह नेक, उदार, सहयोगी और परोपकारी है जो हर किसी की मदद को तत्पर रहता है।
(ग) सम्मान का पात्र – तताँरा अपने व्यवहार एवं सहयोग पूर्ण स्वभाव के कारण द्वीपवासियों के सम्मान का पात्र है। उसे दूसरे गाँव के लोग भी अपने यहाँ निमंत्रित करते हैं।
(घ) दैवीय शक्ति संपन्न व्यक्ति – तताँरा के पास लकड़ी की तलवार थी जो उसे अद्भुत दैवीय शक्ति का स्वामी बनाए हुए थी। इस तलवार की मदद से साहसिक और विलक्षण कार्य करता था, परंतु इसका उपयोग दूसरों का अहित करने के लिए नहीं करता था।
2. रूढ़ियों और परंपराओं का बंधन प्रेम की राह में बाधक नहीं बन सकता। तताँरा-वामीरो कथा के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
तताँरा पासा गाँव का सुंदर, साहसी और नेकदिल नवयुवक था और वामीरो लपाती गाँव की जो अंदमान-निकोबार द्वीप समूह का भाग है। वामीरो के गाँव की परंपरा थी कि गाँव के नवयुवक और युवतियाँ अपने ही गाँव में वैवाहिक संबंध स्थापित कर सकते थे, अन्य किसी गाँव में नहीं। एक शाम जब तताँरा शाम के समय सागर तट पर घूम रहा था तो उसने मधुर गायन सुना और उधर गया जहाँ गीत गाती वामीरो को देख वह अपनी सुध-बुध खो बैठा। तताँरा को देखकर वामीरो की भी कुछ ऐसी ही स्थिति थी। वामीरो अपने गाँव की परंपरा जानती थी फिर भी दोनों एक दूसरे से प्रेम करने लगे। वे लोगों द्वारा समझाने पर भी एक दूसरे से प्रेम करते रहे। इससे स्पष्ट होता है कि रूढ़ियों और परंपराओं का बंधन प्रेम की राह में बाधक नहीं बन सकता है।
3. तताँरा और वामीरो ने अपने प्रेम के लिए आत्मबलिदान देकर आनेवाली पीढ़ी को नई राह दिखाई। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
तताँरा और वामीरो एक दूसरे को गहराई से प्रेम करते थे। वे जानते थे कि गाँव की परंपरा के अनुसार अलग-अलग गाँव के होने के कारण एक दूसरे के नहीं हो सकते हैं, फिर भी वे नियमपूर्वक मिलते रहे। उन्हें समझाने का प्रयास गाँववालों ने भी किया पर वे अडिग रहे। ‘पासा’ गाँव में आयोजित पशु-पर्व में तताँरा-वामीरो जब परस्पर बातें कर रहे थे तो वामीरो की माँ ने उन्हें देख लिया और खूब अपमानित किया। गाँववालों के सामने अकारण अपमानित किए जाने से तताँरा क्रोधित हो उठा और अपनी जादुई तलवार से धरती चाक करने लगा।
इससे धरती दो भागों में बँट गई। तताँरा एक पर दूसरे पर वामीरो। तताँरा जब वामीरो के पास आना चाहता तो सफल न हुआ और समुद्र में वह गया। कुछ ऐसी ही स्थिति वामीरो के साथ हुई पर इस घटना के बाद निकोबारी अपने गाँव के अलावा अन्य गाँवों से भी वैवाहिक संबंध बनाने लगे। इस तरह स्पष्ट है कि तताँरा और वामीरो के बलिदान ने आगामी पीढ़ी को नई राह दिखाई।
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